HomeNewsथॉमस विलियम रिज डेविड्स की पुण्यतिथि पर नमन एवं पुण्यानुमोदन

थॉमस विलियम रिज डेविड्स की पुण्यतिथि पर नमन एवं पुण्यानुमोदन

Thomas William Rhys Davids: पालि-भाषा एवं साहित्य के संवर्धन में जिन विदेशी विद्वानों का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है, उनमें थॉमस विलियम रिज डेविड्स (T. W. Rhys Davids) का नाम सर्वोपरि है. उनका जन्म 12 मई 1843 को लंदन में हुआ और उनका देहावसान 27 दिसम्बर 1922 ई. को इंग्लैंड में हुआ था. श्रीलंका के गेल में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट रहते हुए रिज डेविड्स के कोर्ट में एक केस आया जिसके साक्ष्य पालि भाषा में थे. रिज ने छः माह में आधारभूत पालि भाषा को समझकर केस का फैंसला बौद्धों के पक्ष में दिया और ये ही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था. सिविल सर्विस की नौकरी छोड़कर लंदन विश्वविद्यालय में पालि पढ़ाने लगे और वहाँ उन्होंने पालि विभाग की स्थापना की.

51 साल के थामस विलियम रिज डेविड्स और 37 साल की कैरोलिन ऑगस्ट फॉले का दाम्पत्य जीवन पालि भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए एक सुखद संयोग रहा. रिज डेविड्स दम्पत्ति ने पालि भाषा के संवर्धन में जो काम किया वो मील का पत्थर बन जाता है. लंदन विश्वविद्यालय का पालि विभाग, लंदन की पालि टैक्स्ट सोसायटी, लंदन के मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी का तुलनात्मक धर्म अध्ययन विभाग के संस्थापक, इन दोनों के अनुदित पालि साहित्य को बाबासाहेब अम्बेडकर ने लंदन में पढ़ा और अपने लेखन में उद्धृत करते हुए उन्होंने 1956 में बौद्ध धम्म को अंगीकार किया. डॉ. प्रफुल्ल गडपाल लिखते हैं कि रिज डेविड्स जी की ‘पालि-टेक्स्ट सोसायटी’ ने पालि एवं बौद्ध-विद्या से सम्बन्धित कई महत्वपूर्ण ग्रन्थों का लिप्यंतरण, सम्पादन एवं प्रकाशन किया. भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रमुख स्रोत तिपिटक को सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित करने में इस संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका रही. उनके द्वारा रचित ‘पालि-इंग्लिश डिक्शनरी’ द्वारा आधुनिक काल में बुद्ध-शिक्षाओं को समझने में विशेष सहायता प्राप्त हुई. आपने अनेक महत्वपूर्ण लेख लिखें, जर्नल्स प्रकाशित किये और ग्रन्थों का सम्पादन-लेखन भी किया.

ऐसे ही भारत सहित पूरे विश्व में बौद्ध धम्म ने आधुनिकता की इबारतें नहीं लिखी हैं. ये त्याग है उन सभी प्राच्यविदों का जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारत के इस सुंदर साहित्य, धर्म, संस्कृति के उन्नयन में लगा दिया. इस प्रकार पालि भाषा एवं साहित्य के साथ ही बौद्ध-धम्म के पुनरुत्थान में रिज डेविड्स जी का योगदान अतुलनीय है.

आओ करें पुण्यानुमोदन उस महान विभूति का जिसने भारत को भा (ज्ञान) में रत (संलग्न) करने हेतु अपना सर्वस्व जीवन लगा दिया. आओ करें नमन थॉमस विलियम रिज डेविड्स को उनकी पुण्यतिथि पर.

लेखक: डॉ विकास सिंह

— भवतु सब्ब मङ्गलं —

Must Read

spot_img