- पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- अदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- कामेसु मिच्छाचारा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- मुसावादा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- सुरामेरयमज्ज पमादट्ठाणा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- विकालभोजना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- नच्च-गीत-वादित-विसूक-दस्सना-माला-गंध-विलेपण-धारण-मण्डन-विभूसनट्ठाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
- उच्चासयन-महासयना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि.
साधु! साधु! साधु!
अट्ठसील (अष्टशील) हिंदी में
- मैं प्राणी हिंसा से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ/करती हूँ.
- मैं बिना दिए को लेने (चोरी) से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ/करती हूँ.
- मैं काम-मिथ्याचार से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ/करती हूँ.
- मैं झूठ से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ/करती हूँ.
- मैं सभी प्रकार की मदिरा एवं अन्य मादक वस्तुओं के सेवन से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ/करती हूँ.
- मैं विकाल (दिन के बारह बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक का समय) भोजन से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ/करती हूँ.
- मैं नाच-गाना, बजाना और अशोभनीय मेले-तमाशे को देखने तथा माला और सुगन्धित लेपन आदि करने व श्रंगार के लि आभूषण आदि धारण करने से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ.
- मैं ऊंची और विलासितापूर्ण पलंग (बिस्तर) पर सोने से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ.
साधु! साधु! साधु!
— भवतु सब्ब मङ्गलं —